धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष, मनुष्य जीवन के चार पुरुषार्थ है। यह चार पुरुषार्थ को करना ही मनुष्य जीवन का उदेश्य है। उद्देश्य इसलिये है क्योंकि इन चार पुरुषार्थ को करने से ही मनुष्य का कल्याण है। धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष, का अर्थ क्या है? यह पुरुषार्थ करने से मनुष्य का कल्याण किस प्रकार है? धर्म धर्म का अर्थ है कर्तव्य। श्रीमद […]
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अहिंसा परमॊ धर्मः किसी प्रकार की हिंसा को न करना अहिंसा है। एक मनुष्य अन्य मनुष्य पर हिंसा तीन प्रकार से करता है। शारीरिक कष्ट देना अथवा वध कर देना। मानसिक कष्ट देना। भौतिक संसाधनों से वंचित रखना। जिसके पास शारीरिक बल, बुद्धि अथवा आर्थिक बल अन्य से अधिक है, वह ही अन्य पर हिंसा […]
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परमात्मा प्राप्ति की प्रक्रिया को योग कहते है। योग में स्थित होना मनुष्य जीवन का उद्देश्य है। इस उद्देश्य के पूर्ण होने पर मनुष्य को परम् आनन्द की प्राप्ति होती है। शरीर के प्रति ममता एवं अहंकार;इन्द्रियों के विषयों में आसक्ति;आसक्ति से अन्त:करण में विषमताएं (राग, भय और क्रोध); यह सभी विकार मनुष्य को […]
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